Neemrana Fort नीमराना फोर्ट अलवर, जानिए क्या है यहां खास

नीमराना फोर्ट भारत के राजस्थान राज्य में स्थित है। यह फोर्ट एक प्रसिद्ध पर्यटक स्थल है जो कि भारतीय इतिहास और संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इस फोर्ट का नाम उस महल के नाम पर रखा गया है, जिसे इस फोर्ट के निर्माण के लिए तोड़ा गया था। नीमराना फोर्ट अलवर 15 वीं शताब्दी 1464 में निर्मित, Neemrana Fort अपार सौंदर्य का प्रतीक है। यह राजसी किला पहाड़ी के ऊपर 10 हेक्टेयर क्षेत्र को कवर करता है, जो राजस्थानी परम्परा और आधुनिक शैली के आंतरिक मिश्रण को प्रदर्शित करता है। जिसे अब एक लक्जरी रिसॉर्ट में बदल गया है जिसके चारों ओर हैंगिंग गार्डन, दो पूल और खूबसूरत कमरे मोजूद है। शानदार, रोमांटिक और आनंद से भरा नीमराना किला नीमराणा में घूमने के लिए सबसे अच्छी जगहों में से एक है। अपनी छुटियाँ के कुछ दिन बिताने के लिए नीमराना   सबसे अच्छा स्थान हो सकता है, जहा आप आपकी लाइफ के कुछ पल सुखद माहोल में व्यतीत कर सकते हैं।

अगर आप नीमराना किले से जुड़ी अधिक जानकारी प्राप्त करना चाहते है तो हमारे इस आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़े।

Neemrana Fort
Neemrana Fort

Neemrana Fort

नीमराना दुर्ग के आसपास अनेक पर्यटन स्थान है जो पर्यटकों को अपनी और आकर्षित करते है। अरावली की पहाडिय़ों पर स्थित 552 साल पुराना नीमराना किला भारत की सबसे एतिहासिक इमारतों में से एक है। इस किले का निर्माण सन 1464 में हुआ था। नीमराना फोर्ट होटल के रूप में इस्तेमाल की जा रही भारत की सबसे पुरानी ऐतिहासिक इमारतों में से एक है। जानिए क्या है यहां खास…

नीमराना दुर्ग के खुलने और बंद होने का समय – Neemrana Fort Timing In Hindi

नीमराना दुर्ग सुबहे के 9 बजे से दिन के 3 बजे तक खुला रहता है। और इस किले को अच्छे से घूमने के लिए 2 से 3 घंटे का समय जरूर निकालें।

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पहाड़ी को काटकर बनाया गया है ये किला…

  • 10 मंजिला इस विशाल किले को तीन एकड़ में अरावली पहाड़ी को काट कर बनाया गया है। यही कारण है कि इस महल में नीचे से ऊपर जाना किसी पहाड़ी पर चढ़ने का अहसास कराता है। – नीमराना की भीतरी साज-सज्जा में काफी छाप अंग्रेजों के दौर की भी देखी जा सकती है।
  • ज्यादातर कमरों की अपनी बालकनी है जो आसपास की भव्यता का पूरा नजारा प्रदान करती है। यहां तक की इस किले के बाथरूम से भी आपको हरे-भरे नजारे मिल जायेंगे।

क्यों पड़ा नीमराना नाम…

  • नीमराना ऐतिहासिक दृष्टि से भी काफी महत्वपूर्ण है। इसे पृथ्वीराज चौहान के वंशजों ने अपनी राजधानी के रूप में चुना था।
  • पृथ्वीराज चौहान की 1192 में मुहम्मद गौरी के साथ जंग में मौत हो गई थी।
  • इसके बाद चौहान वंश के राजा राजदेव ने नीमराना चुना लेकिन यहां का निर्माता मियो नामक बहादुर शासक था।
  • चौहानों से जंग में हारने के बाद मियो ने अनुरोध किया कि उस जगह को उसके जगह का नाम दे दिया जाए, तभी से इसे नीमराना कहा जाने लगा।

10 मंजिल वाले इस पैलेस में हैं 50 कमरे

  • दस मंजिलों पर कुल 50 कमरे इस रिसोर्ट में हैं। इसे 1986 में हेरिटेज रिजॉर्ट के रूप में तब्दील कर दिया गया। यहां नजारा महल और दरबार महल में कॉन्फ्रेंस हाल है। पैलेस में बदले इस किले में कई रेस्त्रां बने हैं।
  • इस पैलेस में ओपन स्विमिंग पूल भी बना है। नाश्ते के लिए राजमहल व हवामहल तो खाने के लिए आमखास, पांच महल, अमलतास, अरण्य महल, होली कुंड व महा बुर्ज बने हुए हैं। इस किले की बनावट ऐसी है कि हर कदम पर शाही ठाठ का अहसास होता है।

Neemrana fort Palace

नीमराना फोर्ट पैलेस राजस्थान का एक प्रमुख विरासत होटल होने के साथ-साथ भारत का एक अनूठा होटल होने पर बहुत गर्व महसूस करता है। हमने यह सुनिश्चित करने में विशेष ध्यान रखा है कि इन समय-सम्मानित संरचनाओं को बहाल किया जाए और आपको मध्ययुगीन काल में वापस ले जाने के लिए प्रामाणिकता के साथ संरक्षित किया जाए। दिल्ली जयपुर राजमार्ग के पास यह विस्मयकारी हेरिटेज होटल जयपुर में आपके शाही अवकाश के लिए एक आदर्श स्थान है। नीमराना में 14-स्तरीय संपत्ति की खोज के लिए कई कदम और रैंप शामिल हैं। संपत्ति और इसके दृश्यों का आनंद लेने के लिए 2016 से शुरू की गई दो लिफ्टों की जरूरत है। लेकिन ये पूरे फोर्ट पैलेस तक पहुंच नहीं देते हैं, ध्यान देने वाली बात यह है कि पूरी संपत्ति के माध्यम से घूमने के लिए एक निश्चित स्तर की शारीरिक फिटनेस की आवश्यकता होती है।

इस किले का नाम नीमराना क्यों पड़ा – Neemrana Fort History in Hindi

ज्यादातर कमरों की अपनी बालकनी है जो आसपास की भव्यता का पूरा नजारा प्रदान करती है। एक समय में यह किला पूरी तरह से खंडहर बन चूका था लेकिन अब यह किला एक भव्य और सुन्दर महल का रूप ले चूका है। यह किला राजस्थान की पुराणी और नयी वास्तुशैली का मिश्रण है।

नीमराना किला काफी पुराना और प्रसिद्ध किला है। इस किले के नाम के पीछे एक रोचक कथा हैं। बहुत साल पहले इस जगह पर ‘निमोला में’ नाम का शासक हुआ करता था। उसकी इच्छा थी की इस किले को उसका नाम दिया जाए। इसीलिए उस इन्सान के नाम के ऊपर से ही इस किले को’ नीमराना किला’ नाम दिया गया।

पृथ्वीराज चौहान की 1192 में मुहम्मद गौरी के साथ जंग में मौत हो गई थी। इसके बाद चौहान वंश के राजा राजदेव ने नीमराना चुना लेकिन यहां का निर्माता निमोला बहादुर शासक था। चौहानों से जंग में हारने के बाद निमोला ने अनुरोध किया कि उस जगह को उसके नाम से रख दिया जाए, तभी से इसे नीमराना कहा जाने लगा।

इसे पृथ्वीराज चौहान के वंशजों ने अपनी राजधानी के रूप में चुना था। सन 1464 में निर्माण किये गए किले को पृथ्वीराज चौहान 3 के उत्तराधिकारी राजधानी के रूप में इस्तेमाल करते थे। लेकिन जब भारत में अंग्रेज का शासन था तो चौहान शासको की ताकत कम पड़ गयी थी लेकिन उन्होंने कभी भी अंग्रेजो के सामने हार नहीं मानी थी।

1947 में राजा राजिंदर सिंह ने नीमराना किले को छोड़ दिया और विजयबाग को एक मोहरे के रूप में इस्तेमाल करने का सोचा था। कहा जाता हैं राजा राजिंदर सिंह इस किले को बेचना चाहते थे। 1986 में इस किले दोबारा मरम्मत कराई गयी। सन 1991 में इस किले को आम लोगो को देखने के लिए खोला गया, लेकिन यहां सिर्फ 15 कमरों में लोगो को रहने के लिए इजाजत दी गयी।

किले की बनावट – Neemrana Kila Architecture

ऊंची पहाड़ी पर स्थित नीमराना किला-हवेली के आस-पास सौंदर्य का आलीशान दृष्टिकोण इस स्थान को ओर भी आकर्षक बना देता है। दस मंजिलों पर कुल 50 कमरे इस रिसोर्ट में हैं। ऊँचे पहाड़ पर बने होने के कारण ज्यादातर कमरों की बालकनी से आसपास की भव्यता का पूरा आनंद उठा सकते है। यहां तक की इस किले के बाथरूम से भी आपको हरे-भरे नजारे देखने को आसानी से मिल जायेंगे।

इसे 1986 में हेरिटेज रिजॉर्ट के रूप में तब्दील कर दिया गया। यहां नजारा महल और दरबार महल में कॉन्फ्रेंस हाल है। पैलेस में बदले इस किले में कई रेस्त्रां बने हैं। इस पैलेस में ओपन स्विमिंग पूल भी बना है। नाश्ते के लिए राजमहल व हवामहल तो खाने के लिए आमखास, पांच महल, अमलतास, अरण्य महल, होली कुंड व महा बुर्ज बने हुए हैं। इस किले की बनावट ऐसी है कि हर कदम पर शाही ठाठ का अहसास होता है।

इस फोर्ट के निर्माण में मुगलकालीन और राजंपूताना वास्तुकला शैली का मिश्रण साफ़ दिखाई पड़ता है। इसके अलावा महेल की भीतरी साज-सज्जा में अंग्रेजों के दौर की छवि भी देखी जा सकती है। वर्तमान समय यह पैलेस एक प्रमुख विरासत स्थल बन चुका है और शादियों व सम्मेलनों के लिए एक उचित स्थान है।

नीमराणा किला का मालिक कौन है?

श्री अमन नाथ : संस्थापक और अध्यक्ष 1986 में, अमन नाथ ने नीमराना फोर्ट-पैलेस का अधिग्रहण किया और इसकी बहाली शुरू की।

नीमराना फोर्ट में ठहरने के लिए आपका कितना खर्चा आता है?

कुछ सबसे आश्चर्यजनक देव महल, उमा विलास, हारा महल, चंद्र महल, फ्रांसिसी महल और शीला महल हैं। सिंगल ऑक्युपेंसी रूम का टैरिफ 4500 प्लस टैक्स है और एक डबल ऑक्यूपेंसी और अधिक ऑक्यूपेंसी रूम का टैरिफ 7,400 रुपये प्लस टैक्स से शुरू होकर 35,000 रुपये प्लस टैक्स है।

नीमराणा किले में कितने कमरे हैं?

नीमराना किला, अलवर आरामदायक रहने की पेशकश करने के लिए आधुनिक सुविधाओं के साथ प्राचीन शाही अनुभव को एक साथ मिलाता है। इसमें 8 अलग-अलग विंगों में 72 अलंकृत कमरे हैं, जो सभी आधुनिक सुविधाओं से परिपूर्ण हैं।

नीमराणा का किला क्यों प्रसिद्ध है?

नीमराना किला क्यों प्रसिद्ध है? 15वीं शताब्दी में निर्मित, नीमराना किला अब भारत के सबसे पुराने विरासत रिसॉर्ट्स के रूप में कार्य करता है। यह किला पूरे देश में सबसे पुराने और सर्वोत्तम संरक्षित विरासत स्थलों में से एक होने के लिए प्रसिद्ध है।

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