State Legislature: विधान मंडल व राज्य की विधान सभा, विधान परिषद की सम्पूर्ण जानकारी यह देखें

राज्य विधान मंडल(legislature), राज्यपाल, विधान सभा, विधान परिषद से मिलकर बनता है। हमने यहाँ विधानमंडल के साथ साथ विधान सभा, विधान परिषद की विस्तार से जानकारी दी है साथ ही साथ सम्बंदित अनुच्छेद व संविधान संशोधन का भी उल्लेख किया गया है। विधान परिषद भारतीय राज्यों में लोकतंत्र की ऊपरी प्रतिनिधि सभा है इसके सदस्य अप्रत्यक्ष चुनाव के द्वारा चुने जाते हैं कुछ सदस्यों राज्यपाल के द्वारा मनोनीत किए जाते हैं। विधानसभा निचली प्रतिनिधि सभा है विधान सभा तथा विधान परिषद मिलकर विधानमंडल(legislature) कहलाते हैं।

राज्य विधान मंडल (State Legislature)

  • विधानमंडल(Legislature) का उल्लेख संविधान के अनुच्छेद 168 व भाग 4 में है।
  • विधान मंडल((Legislature)) का गठन राज्यपाल विधानसभा व विधान परिषद से मिलकर होता है।
  • नोट- राज्यपाल की कानून निर्माण की प्रक्रिया में मुख्य भागीदारी होने के कारण राज्यपाल को विधानमंडल (legislature) के गठन में शामिल किया जाता है।
  • नोट- राजस्थान में विधान मंडल का गठन राज्यपाल व विधानसभा से मिलकर होता है।

विधान परिषद के गठन की प्रक्रिया

  • विधान परिषद का उल्लेख संविधान के अनुच्छेद 169 में गठन की प्रक्रिया का उल्लेख किया गया है।
  • इसके अनुसार अगर किसी राज्य में विधान परिषद का गठन करना हो तो सबसे पहले उस राज्यों की विधानसभा में विधान परिषद के गठन का प्रस्ताव लाया जाएगा प्रस्ताव लाने के लिए कुल सदस्य संख्या का 1 बटा 4 सदस्यों का समर्थन जरूरी है।
  • अगर प्रस्ताव 2 बटा 3 बहुमत से पारित हो जाता है तो राज्यपाल की सहमति से संसद के पास जाता है संसद के दोनों ही सदन अगर सामान्य बहुमत से पारित कर दे तो राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के साथ ही विधान परिषद का गठन हो जाता है।
  • नोट- जिस प्रक्रिया से विधान परिषद का गठन होता है उसी प्रक्रिया से विधान परिषद को समाप्त भी किया जा सकता है।

विधान परिषद की सदस्य संख्या

अधिकतम सदस्य संख्या उस राज्यों की विधानसभा का 1 बटा 3 और न्यूनतम 40 हो सकती है।
नोट- वर्तमान में भारत में 6 राज्यों में विधान परिषद है-

  1. उत्तर प्रदेश
  2. बिहार
  3. महाराष्ट्र
  4. कर्नाटक
  5. आंध्र प्रदेश
  6. तेलंगाना।

विधान परिषद के कार्यकाल

  • विधान परिषद के कार्यकाल का उल्लेख संविधान के अनुच्छेद 172 में है।
  • विधान परिषद के सदस्यों का कार्यकाल 6 वर्ष होता है।
  • प्रति 2 वर्ष के बाद एक बटा तीन सदस्यों को सेवानिवृत्त किया जाता है।

सदस्यों की योग्यताऐ

विधान परिषद के सदस्यों की योग्यताओं का उल्लेख अनुच्छेद 173 में किया गया है जिसके अनुसार निम्नलिखित योग्यता होनी आवश्यक है-

  1. वह भारत का नागरिक हो
  2. न्यूनतम आयु 30 वर्ष हो
  3. लाभ के पद पर ना हो
  4. पागल व दिवालिया घोषित ना हो

विधान परिषद के सदस्यों के चुनाव की प्रक्रिया

  • सदस्यों के चुनाव की प्रक्रिया का वर्णन संविधान के अनुच्छेद 171 में किया गया है
  1. कुल सदस्य संख्या का 1 बटा 6 सदस्यों को राज्यपाल के द्वारा मनोनीत किया जाएगा जो कि कला, साहित्य, विज्ञान, समाज सेवा व सहकारिता में विशेषज्ञों होना चाहिए।
  2. कुल सदस्य संख्या का 1 बटा 3 सदस्यों को विधानसभा के सदस्यों के द्वारा निर्वाचित किया जाएगा।
  3. कुल सदस्य संख्या का 1 बटा 3 सदस्यों को जिला परिषदों व तीनों ही नगरीय निकायों के जनप्रतिनिधि मिलकर निर्वाचित करेंगे।
  4. कुल सदस्य संख्या का 1 बटा 12 सदस्यों को माध्यमिक शिक्षा बोर्ड इससे उच्च शिक्षा के शिक्षकों के द्वारा निर्वाचित किया जाएगा। (इसके लिए 3 वर्षों का अनुभव होना चाहिए।)
  5. कुल सदस्य संख्या का 1 बटा 12 सदस्यों को स्नातक शिक्षा उत्तीर्ण लोगों के द्वारा मिलकर निर्वाचित किया जाएगा। (इसके लिए भी 3 वर्ष पूर्व उत्तीर्ण किया हुआ होना चाहिए।)
    नोट- विधान परिषद में 5 बटा 6 सदस्य निर्वाचित व 1 बटा 6 सदस्य मनोनीत होते हैं।

  शक्तियां (Power)

  • धन विधेयक पहले विधानसभा में रखा जाएगा व विधानसभा से पारित धन विधेयक को विधान परिषद मात्र 14 दिन रोक सकती है उसके बाद स्वत: पारित हो जाएगा।
  • सामान्य विधेयक को विधान परिषद अधिकतम 4 माह तक रोक सकती है उसके बाद स्वत: पारित माना जाएगा।
  • त्यागपत्र -विधान परिषद के सभापति, उपसभापति को उपसभापति,सभापति को त्यागपत्र देता है।

राज्य की विधानसभा (State Assembly)

  • अनुच्छेद 170 में इस बात का उल्लेख है कि प्रत्येक राज्य में एक विधानसभा होगी।
  • वर्तमान में भारत में 28 राज्यों ओर 3 केंद्र शासित प्रदेश कुल 31 विधानसभा हैं।
  • विधान सभा के सदस्यों का चुनाव जनता के द्वारा प्रत्यक्ष रूप से किया जाता है
  • नोट- दिल्ली व पांडुचेरी में विधानसभा का गठन 69 वा‍ॅ संविधान संशोधन 1992 के द्वारा किया गया।

विधानसभा की सदस्य संख्या

  •  किसी भी राज्यों की विधानसभाओं में अधिकतम सदस्य संख्या 500 को न्यूनतम 60 हो सकती है।
  • सर्वाधिक सदस्य संख्या वाली विधानसभाए-
  1. उत्तर प्रदेश – 403
  2. पश्चिमी बंगाल- 294
  3. महाराष्ट्र – 288 ।
  • न्यूनतम सदस्य संख्या वाली विधानसभाऐ-
  1. पांडुचेरी – 30
  2. सिक्किम – 32
  3. गोवा – 40 
 कार्यकाल 
  • अनुच्छेद 172 में है सामान्यता विधानसभा का कार्यकाल 5 वर्ष का होता है।
  • नोट 42वां संविधान संशोधन 1976 के द्वारा कार्यकाल 6 वर्ष किया गया था
  • लेकिन 44 वा संविधान संशोधन 1978 के द्वारा कार्यकाल पूरा 5 वर्ष पर दिया गया था।
  • नोट- आपातकाल में कार्यकाल 1 वर्ष बढ़ाया जा सकता है।
  • नोट- अनुच्छेद 174 के तहत राज्यपाल विधानसभा को समय से पहले भंग कर सकता है।
विधान सभा के सदस्यों की योग्यता सदस्यों के योग्यता
  • विधान सभा के सदस्यों की योग्यता सदस्यों के योग्यताओं का उल्लेख अनुच्छेद 173 में किया गया है।
  • वह भारत का नागरिक हो ।
  • न्यूनतम आयु 25 वर्ष पूर्ण कर चुका हो। 
  • वह लाभ के पद पर ना हो पागल।
  • वह देवालिया ना हो ।
एससी एसटी को आरक्षण
  • अनुच्छेद 332 के तहत विधानसभा में एससी एसटी को आरक्षण दिया गया है।
  • नोट राजस्थान विधानसभा में एससी के लिए 34 व एसटी के लिए 25 सीटें आरक्षित की गई है।
  • 104वां संविधान संशोधन 2020 के द्वारा इस आरक्षण को जनवरी 2020 से बढ़ाकर जनवरी 2030 तक कर दिया गया है।
आंग्ल भारतीयों पर प्रतिबंध
  • अनुच्छेद 333 के तहत राज्यपाल विधानसभा में एक आंग्ल भारतीयों को मनोनीत कर सकता था।
  • नोट- 104वां संविधान संशोधन के द्वारा आंगन भारतीयों के मनोनयन पर प्रतिबंध लगा दिया गया।

इस प्रकार हमने यहाँ विधान मंडल(legislature), राज्यपाल, विधान सभा, विधान परिषद की सम्पूर्ण जानकारी यहाँ दी है यहाँ सभी राज्य व केन्र्द सभी एक्साम्स के लिया महत्वपूर्ण है अगर आप को यहाँ पेज पंसद आया तो अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करे और हमें कमेंट बॉक्स में बताना न भूले

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