Rajasthan Ki Chhatris: राजस्थान की कला संस्कृति में प्रमुख छतरियां की विस्तृत जानकारी यहां देखें

दोस्तों हम चर्चा कर रहे हैं राजस्थान की कला संस्कृति पर इसके अंतर्गत साथियों हमने राजस्थान की प्रमुख नृत्य कला, राजस्थान के प्रमुख लोक देवी-देवता तथा प्रमुख मेले और त्यौहारो पर चर्चा हमने की थी। आज हम इस स्थापत्य कला का एक अहम् अध्याय जिसका नाम है राजस्थान की प्रमुख छतरियां (Chhatris) इनके ऊपर हम चर्चा करते हैं।

व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिए यहां क्लिक करें

व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिए यहां क्लिक करें

Rajasthan Ki Chhatris
Rajasthan Ki Chhatris

Rajasthan Ki Chhatris

देखिए मित्रों सबसे पहले हमें छतरी की परिभाषा पता होना चाहिए कि छतरी किसे कहा जाता है छतरी का अर्थ क्या होता है? किसी व्यक्ति के मरणोपरांत उसकी स्मृति में बनाया गया स्मारक छतरी (Chhatris) कहलाता है। अब आपको पता है राजस्थान में दिन-प्रतिदिन लोगों की मृत्यु भी होती है। जन्म भी होता है उनके स्मृति में छतरी भी बनती रहती है तो क्या हम राजस्थान के करोड़ों छतरी के बारे में चर्चा करेंगे। मित्रों करोड़ों छतरियां राजस्थान में उपलब्ध हैं। हम करोड़ो छतरियां की चर्चा नहीं करना चाहते। हम उन्हें छतरी की चर्चा करने जा रहे हैं जहां से परीक्षा में प्रश्न पूछे जाते हैं।

व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिए यहां क्लिक करें

पिछली प्रतियोगी परीक्षा में छतरियों से कैसे प्रश्न बने जाने

मित्रों अगर पिछली प्रतियोगी परीक्षा के इतिहास को उठाकर देखा जाए तो जो छतरियों से प्रश्न बने हैं। कभी-कभी तीन परीक्षा में से एक परीक्षा में बना है क्योंकि राजस्थान की स्थापत्य कला बहुत बड़ी है। राजस्थान में बहुत दुर्ग, बावडियां, कुंआ, महल, मंदिर, रीति रिवाज बहुत बड़ा इतिहास है जिसकी चर्चा हम आने वाले आर्टिकल में करने वाले हैं।
पिछली परीक्षाओं में किस तरह के प्रश्न पूछे गए तथा आगामी परीक्षा के लिए उपयोगी बिंदु कौन से हो सकते हैं उन बिंदुओं पर चर्चा करते हुए अधिकांश छतरियो की चर्चा हम करेंगे पिछली प्रतियोगी परीक्षा में सबसे ज्यादा प्रश्न खंभों की छतरियो से बना है जैसे 32 खंभों की छतरी कहां पर है? 80 खंभों की छतरी कहां पर है? भविष्य में प्रश्न अगर छतरियो (Chhatris) से बनाएगा तो सबसे ज्यादा राजवंश की छतरी से बनने वाले हैं हमें पता होना चाहिए कि राज्य किस राजवंश की उसकी छतरी कहां पर स्थित है? तो उनके बारे में हम चर्चा करते हैं चले शुरू करते हैं…

राजस्थान की प्रमुख छतरियां PDF – Click Here

जानिए प्रमुख छतरियां (Chhatris)

1 खंभों की छतरी

  1. इसकी प्रमुख दो छतरी है।
  2. सवाई माधोपुर
  3. मंडोर जोधपुर

8 खंभों की छतरी ये प्रमुख तीन है।

  1. राणा प्रताप की छतरी (बाडाॅली) उदयपुर।
  2. राणा सांगा की छतरी (मांडलगढ़) भीलवाड़ा।
  3. सरिस्का-अलवर।

12 खंभों की छतरी कुंभलगढ़ (राजसंमद)

  • पृथ्वीराज सिसोदिया की छतरी है।
  • जिसे हम उड़ना राजकुमार के नाम से जाना चाहते हैं।

16 खंभों की छतरी 

  • यह छतरी अमर सिंह राठौड़ की है।
  • यहाँ छतरी नागौर में है।

20 खंभों की छतरी 

  1. सिंघवियों की छतरी है।
  2. यहाँ जोधपुर में है।

32 खंभों की छतरी रणथंभौर (सवाई माधोपुर) में है

  1. इसका निर्माण हम्मीर देव चौहान ने अपने पिता जैत्र सिंह की स्मृति में करवाया था‌।
    इस छतरी को न्याय की छतरी कहते हैं क्योंकि यहां पर बैठकर न्याय किया जाता था।
  2. 32 खंभों की छतरी (मांडलगढ़) भीलवाड़ा जसनाथ कच्छवाह की छतरी है।
  3. 32 खंभों की छतरी अलवर में है।
  4. 32 खंभों की छतरी मंडोर जोधपुर में है जो सूर्य देवी की छतरी है।

80 खंभों की छतरी अलवर में है

  • इसका निर्माण 1815 ई. में विनय सिंह द्वारा करवाया गया था।
  • बख्तावर सिंह एवं मुशी रानी की स्मृति में करवाया गया था।
  • इसे मुशी रानी की छतरी भी कहते हैं।
  • इस छतरी पर रामायण और महाभारत के चित्रों का चित्रण किया गया है।

84 खंभों की छतरी

  • इसका निर्माण अनिरुद्ध सिंह द्वारा करवाया गया था।
  • यहाँ छतरी बूंदी में है।

गैटोर की छतरियां जयपुर में है

  • यहाँ जयपुर राजपरिवार की छतरियां है।
  • प्रथम व सबसे बड़ी छतरी सवाई जयसिंह की है।
  • नोट- ईश्वर सिंह की छतरी सिटी पैलेस जयपुर के जयनिवास उद्यान में स्थित है।

मंडोर की छतरिया जोधपुर में है

  • जोधपुर राठौड़ राजवंश की छतरियां है।
  • पंचकूण्डा की छतरियां जोधपुर में है।
  • जो जोधपुर रानियों की छतरियां है।

कैसरबाग की छतरियां बूंदी में स्थित है

  • यहाँ पर बूंदी राज परिवारों की छतरियां हैं
  • यह कुल 66 छतरियां स्थित है।
  • सबसे प्राचीन छतरी दूदा की है।
  • सबसे नवीनतम क्षत्रिय विष्णु सिंह की है।

मामा व भांजे की छतरी मेहरानगढ़ जोधपुर में है।

  • धन्ना-भिया की छतरी स्थित है।
  • इसका निर्माण अजीत सिंह ने करवाया था।
इस छतरी का निर्माण इसलिए हुआ क्योंकि जोधपुर का शासक अजीत सिंह था। अजित सिंह का प्रधानमंत्री यानी दरबार में जो प्रधानमंत्री था उसका नाम मुकुंद सिंह था और इस मुकुंद सिंह की हत्या कर दी गई एक उदावत सामंत द्रारा इसका नाम प्रताप सिंह था। उसके द्वारा अजीत सिंह ने अपने दो विश्वसनीय सेनापति जो आपस में मामा और भांजा थे धन्ना भिया जो आपस में मामा व भांजे इनको भेजा कि आप हमारे प्रधानमंत्री की हत्या का बदला लेकर आए तब यह दोनों मामा और भांजा जाते हैं और प्रताप सिंह की हत्या करके अजीत सिंह के प्रधानमंत्री मुकुंद से उनकी मौत का बना ले कर आते हैं। इस बात से अजीत सिंह बड़ा खुश होता है। मृत्यु के बाद इन की छतरी बनाते हैं जिसे इतिहास में मामा भांजा की छतरी के नाम से जाना जाता है।

प्रतियोगी परीक्षा उपयोगी महत्वपूर्ण छतरियां (Chhatris)

  1. क्षारबाग कोटा की छतरियां यहाँ कोटा राजवंश की छतरियां है।
  2. आहड़ की छतरियां मेवाड़ राजपरिवार की छतरियां स्थित है।
  3. देवी कुंड की छतरियां यहां पर बीकानेर राजाओं के छतरियां स्थित है।सरदार सिंह की छतरी संगमरमर से निर्मित है।
  4. बड़ा बाग जैसलमेर राजाओं की छतरियां स्थित है।
  5. नौडा की छतरियां अलवर में है। इन छतरियां पर दशावतार का चित्र है।
  6. कुत्ते की छतरी रणथंभौर सवाई माधोपुर में स्थित है।
  7. बंजारे की छतरी लालसौट (दौसा) में स्थित है।
  8. अलाम-अला की छतरी जयपुर में स्थित है।
  9. दुर्गादास की छतरी शिप्रा नदी के तट पर उज्जैन मध्य प्रदेश में है।
  10. संत रैदास की छतरी चित्तौड़गढ़ में है।

अन्य महत्वपूर्ण छतरियां (Chhatris)

  1. सेनापति की छतरी जोधपुर में है।
  2. कीर्ति धणी की छतरी जोधपुर में है।
  3. आपाजी सिंधिया की छतरी नागौर में है।
  4. अकबर की छतरी बयाना,भरतपुर में है।
  5. कपूर बाबा की छतरी पिछोला झील के किनारे उदयपुर में है।
  6. चेतक की छतरी बलीचा गांव राजसमंद में है।
  7. गंगाबाई की छतरी भीलवाड़ा में है।
  8. पन्नाधाय की छतरी चित्तौड़गढ़ में है।
  9. गौरा धाय के छत्री जोधपुर में है।
  10. रसिया की छतरी टोक में है।
  11. राव जी की छतरी बैंगु,चित्तौड़गढ़ में है।
  12. संत पीपा की छतरी गागरोन-झालावाड़ में है।
  13. जयमल,फत्ता व कल्लाजी की छतरी चित्तौड़गढ़ में है।
  14. अमरगढ़ की छतरिया भीलवाड़ा में है।
  15. नटनी की छतरी जालौर में है।
  16. राव जैतसी की छतरी हनुमानगढ़ में है।

व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिए यहां क्लिक करें

यहाँ भी जाने-

राजस्थान के प्रमुख मेले और त्यौहार (FAIRS AND FESTIVALS OF RAJASTHAN) आज तक सबसे ज्यादा परीक्षा में सवाल हिंदू धर्म से बना है जिसका विस्तार से यहाँ वर्णन किया गया है।

राजस्थान में शिक्षा के क्षेत्र में सम्पूर्ण योजनाए और आज तक इस में से पूछे गए महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तरी भी शामिल की गई है यहाँ जाने।

मौलिक अधिकारों से संबंधित महत्वपूर्ण तथ्य व वर्तमान में मौलिक अधिकारों (FUNDAMENTAL-RIGHTS) के प्रकार की सम्पूर्ण जानकारी यहाँ से जाने।

राज्य विधान मंडल (STATE LEGISLATURE) व राज्य की विधान सभा, विधान परिषद की सम्पूर्ण जानकारी यह उपलब्ध है इनके सभी अनुच्छेद और संविधान संशोधन का भी उल्लेख किया गया है।

जाने राज्यसभा के सदस्यों की संख्या सभापति व उपसभापति राज्यसभा की महत्वपूर्ण जानकारी साथ ही साथ वर्तमान राज्यसभा के बारे में संपूर्ण व महत्वपूर्ण जानकारी यहाँ है

Leave a Comment