Raajyasabha kee Mahatvapoorn Jaanakaaree: राज्यसभा की संपूर्ण जानकारी यहाँ देखें

राज्यसभा (Rajya sabha) के बारे में हमें कई पुस्तक पुस्तिका में पढ़ने को मिलता है लेकिन यहां पर सब से अलग और सरल  तरीके से समझाया गया है इसी में से सभी एग्जाम और प्रतियोगिता परीक्षाओं में महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तरी होती है साथ ही साथ राज्यसभा के वर्तमान जानकारी और महत्वपूर्ण जानकारी शामिल की गई है राज्यसभा के विशेष अधिकारों को भी शामिल किया गया है। जिसकी चर्चा इस प्रकार है-

Rajya Sabha

राज्य सभा की संवैधानिक जानकारी (Constitutional Information of Rajya Sabha)

  • राज्यसभा का उल्लेख अनुच्छेद 80 व भाग 5 में किया गया है।
  • राज्यसभा का गठन 3 अप्रैल 1952 को किया गया था लेकिन प्रथम बैठक 13 मई 1952 को आयोजित की गई थी।
  • राज्यसभा का राज्यसभा नाम 1956 में रखा गया इससे पहले इसको काउंसिल ऑफ स्टेट के नाम से जाना जाता था।
  • नोट- 1919 के मोंटेग्यू चेम्सफोर्ड अधिनियम के माध्यम से केंद्र की व्यवस्थापिका को देश सदस्य बनाया गया।
  • राज्यसभा के अन्य नाम निम्नलिखित हैं राज्यसभा को उच्च सदन, स्थाई सदन, विशिष्ट जनों का सदन, द्वितीय सदन व राज्यों का सदन भी कहते हैं।

राज्यसभा का कार्यकाल (Tenure of Rajya Sabha)

  • राज्यसभा के कार्यकाल का उल्लेख भारत के संविधान के अनुच्छेद 83 में किया गया है।
  • राज्यसभा का कार्यकाल स्थाई होता है।
  • लेकिन सदस्यों का कार्यकाल 6 वर्ष होता है (प्रति 2 वर्ष के बाद 1 बटा 3 सदस्यों सेवा निर्मित होते हैं।)
  • सभापति का कार्यकाल 5 वर्ष होता है।( क्योंकि राज्य सभा का सभापति देश का उपराष्ट्रपति होता है और उपराष्ट्रपति का कार्यकाल 5 वर्ष होता है।)
  • 1956 में लॉटरी प्रक्रिया के माध्यम से राज्यसभा को एक  सदन बनाया गया था।

राज्य सभा के सदस्यों की योग्यता (Qualification of Members of Rajya Sabha)

राज्य सभा के सदस्यों की योग्यताओं का उल्लेख संविधान के अनुच्छेद 84 में किया गया है जिसके अनुसार निम्नलिखित है-

  1. वह भारत का नागरिक होना हो।
  2. उस की न्यूनतम आयु 30 वर्ष होनी चाहिए।
  3. वह लाभ के पद पर ना हो।
  4. पागल व दिवालिया घोषित ना हो ।

सदस्यों के चुनाव की प्रक्रिया (Procedure for election of members)

राज्यसभा के सदस्यों के चुनाव की प्रक्रिया निम्नलिखित है-

  1. मतदाता विधानसभा के सदस्य होते हैं।
  2. राज्यसभा के सदस्यों का चुनाव समान अनुपात एक एकल संक्रमणीय खुली मत पद्धति के द्वारा किया जाता है।
  3. राज्यसभा के सदस्यों के चुनाव की प्रक्रिया दक्षिण अफ्रीका से ली गई है।

सदस्यों की संख्या (number of members)

  • राज्यसभा के सदस्यों की संख्या का वर्णन अनुच्छेद 80(3) में किया गया है
  • राज्यसभा में अधिकतम सदस्यों की संख्या 250 हो सकती है
  • लेकिन वर्तमान में 245 है इन 245 में से 225 सदस्यों राज्यों से राज्यसभा में आने वाले अधिकतम सदस्य उत्तर प्रदेश से आते हैं जो 31 है।
  • उत्तर प्रदेश से 31, महाराष्ट्र से 19, तमिलनाडु18 बंगाल और बिहार से 16-16 सदस्य आते है।
  • राज्यसभा में राजस्थान से 10 सदस्य आते हैं और राजस्थान के समान ही ओडिशा से भी 10 सदस्य आते हैं।
  • राज्यसभा में केंद्र शासित प्रदेशों से 8 सदस्यों आते हैं जो निम्नलिखित हैं जम्मू-कश्मीर से चार दिल्ली से तीन और पांडुचेरी से एक।
  • राज्यसभा में वर्तमान में कुल निर्वाचित सदस्यों संख्या 225+8 = 233 है।
  • राष्ट्रपति राज्यसभा में 12 सदस्यों को मनोनीत करता है जो कि साहित्य, कला, विज्ञान और समाज सेवा में विशेषज्ञों है।
  • राजस्थान में आज तक मात्र 1 सदस्यों को मनोनीत किया गया है वह है नारायण सिंह माणकलाव से जो समाज सेवा के क्षेत्र में अग्रणी थे।

राज्य सभा के पदाधिकारी (Rajya sabha officials)

  • राज्यसभा का गठन 3 अप्रैल 1952 को किया गया लेकिन राज्य सभा की प्रथम बैठक 13 मई 1952 को आयोजित की गई थी।
  • राज्य सभा का प्रथम सभापति डॉ सर्वपल्ली राधा कृष्ण थे।
  • राज्य सभा का प्रथम उप सभापति कृष्णमूर्ति राव थे।
  • राज्य सभा का प्रथम विपक्ष नेता श्यामनंदन मिश्रा था।
  • राजस्थान का प्रथम सत्ता पक्ष का नेता कृष्णस्वामी अय्यर था।

राज्यसभा के बारे में वर्तमान जानकारी (Current Information about Rajya sabha)

  • वर्तमान सभापति वेंकैया नायडू हैं।
  • वर्तमान उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह है।
  • वर्तमान विपक्ष का नेता मल्लिकार्जून खंडेगे है‌।
  • वर्तमान सत्ता पक्ष का नेता थावरचंद गहलोत है।

राज्यसभा की महत्वपूर्ण जानकारी (Important Information of Rajya sabha)

  1. राज्यसभा का एकमात्र सभापति जिसका पद पर रहते हुए मृत्यु हो गई थी वह कृष्णंकात था।
  2. राज्यसभा में आज तक एक भी महिला सभापति नहीं बनी है।
  3. राज्यसभा की प्रथम महिला उपसभापति वायलेट अल्वा बनी थी।
  4. राज्यसभा में उपसभापति के रूप में सबसे लंबा कार्यकाल नजमा हेपतुल्ला का था।
  5. राज्यसभा के सभापति व उपसभापति का उल्लेख अनुच्छेद 89 में किया गया है।
  6. राज्यसभा के सभापति का चुनाव उप राष्ट्रपति के रूप में होता है।
  7. राज्यसभा के उप सभापति का चुनाव सदस्य अपने में से ही बहुमत के आधार पर करते हैं।
  8. राज्यसभा के सभापति व उपसभापति अपने पद की शपथ नहीं लेते हैं राज्यसभा का सभापति उपराष्ट्रपति के पद की व उप सभापति राज्यसभा के सदस्य पद की शपथ लेते हैं।
  9. राज्यसभा का सभापति अपना त्यागपत्र राष्ट्रपति को देता है उप सभापति अपना त्यागपत्र सभापति को देता है।

विशेषाधिकार(Privileges of Rajya sabha)

  1. अनुच्छेद 67 के तहत उपराष्ट्रपति को हटाने का प्रस्ताव हमेशा पहले राज्यसभा में लाया जाएगा यानी उपराष्ट्रपति को हटाने की पहल राज्यसभा के द्वारा ही की जाएगी।
  2. अनुच्छेद 249 के तहत राज्य सूची के किसी भी विषयों के राष्ट्रीय महत्व घोषित किया जा सकता है ऐसे विषयों पर केंद्र में कानून बनाने की पहल राज्यसभा के द्वारा की जाएंगी ये कानून केवल 1 वर्ष के लिए लागू होगा ।
  3. अनुच्छेद 312 के तहत अगर भारत में नई अखिल भारतीय सेवा का गठन करना हो तो पहले प्रस्ताव राज्य सभा के द्वारा लाया जाएगा।
    नोट मूल संविधान में दो अखिल भारतीय सेवाओं IAS,IPS का उल्लेख था वर्तमान में तीसरी IFS का गठन 1966 में किया गया।

हमें आशा है कि आपको यह पेज जरूर पसंद आया होगा इसमें सरल भाषा में परीक्षा में आने वाले सभी महत्वपूर्ण जानकारी को शामिल किया गया है तथा आने वाली परीक्षाओं के लिए रामबाण प्रश्न बन सकते हैं।

Leave a Comment