Rajasthan ke Pramukh Mandir 2023 राजस्थान में स्थित प्रमुख मंदिरों के बारे में संपूर्ण जानकारी, यहां देखें

नमस्कार सभी साथियों हम चर्चा कर रहे हैं राजस्थान की कला संस्कृति पर कला संस्कृति में स्थापत्य कला पर चर्चा कर रहे हैं जिनके अंतर्गत हमने प्रमुख बावड़िया, छतरियां इत्यादि पर चर्चा की और आज एक और महत्वपूर्ण अध्याय की शुरुआत करते हैं जिसका नाम राजस्थान के प्रमुख मंदिर (Rajasthan ke Pramukh Mandir) है इसमें हम राजस्थान के सभी मंदिर तथा साथ ही मंदिर से जुडी सम्पूर्ण जानकारी है। राजस्थान में सर्वाधिक मंदिर जयपुर में है।

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Rajasthan ke Pramukh Mandir

मंदिर निर्माण की प्रमुख तीन शैलियां होती है

नागर शैली (Naagar Shailee)

  • उत्तर भारत में मंदिर निर्माण की शैली को नागर शैली कहते हैं।
  • इस शैली में मूर्ति स्थल के चारों तरफ परिक्रमा स्थल होता है एवं ऊपर गुंबद बना होता है।
  • राजस्थान के अधिकांश मंदिर इसी शैली से निर्मित है।
  • इस शैली के प्रमुख तीन रूप से उप-शैली है।
  • पंचायतन शैली चार अन्य मूर्तियां व एक मूर्ति या मंदिर मंदिर निर्मित शैली होती है।
  • एकायतन शैली इसमें एक मंदिरों का समूह होता है।
  • गुर्जर प्रतिहार या महामारू शैली आठवीं से 12वीं सदी तक निर्मित मंदिर इस शैली में आते हैं।
  • नोट:- गुर्जर या महामारु शैली की एक नवीनतम शैली भूमिज शैली है जिसके अंतर्गत मंदिर का गुबंद अन्य खंडों में विभक्त होता है।

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द्रविड़ शैली (Dravid Shailee)

  • इस शैली के मंदिर दक्षिण भारत में बनाए जाते हैं।
  • इस शैली के मंदिर नीचे से वर्गाकार बीच में से गुम्बदाकार एवं ऊपर से पिरामिड आकृति के होता है।
  • इस शैली के मंदिरों का प्रवेश द्वार गोपुरम कहलाता है।
  • नोट:- राजस्थान में द्रविड़ शैली का प्रथम मंदिर चोपड़ा मंदिर (धौलपुर) में है।

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बेसर शैली (Besar Shailee)

  • नागर शैली और द्रविड़ शैली का मिश्रण होती है।
  • यह मध्य भारत में मंदिर निर्माण शैली है।

राजस्थान में प्रमुख ब्रह्मा जी मंदिर

  • पुष्कर (अजमेर) मंदिर इस जगह का उल्लेख पदम पुराण में मिलता है।
  • इस मंदिर का निर्माण शंकराचार्य ने करवाया था।
  • इस मंदिर का आधुनिक निर्माता गोकुल चंद्र पारेख को माना जाता है।
  • यह विश्व का सबसे बड़ा ब्रह्मा मंदिर है।
  • आसोतरा-बाड़मेर ब्रह्मा मंदिर निर्माण खेताराम जी महाराज वर्मा जी वह सावित्री की प्रतिमा स्थित है।
  • छींछ-बांसवाड़ा इस मंदिर में ब्रह्मा जी की आदमकद मूर्ति लगी हुई है।

सावित्री माता मंदिर पुष्कर-अजमेर

  • यह मंदिर रत्नागिरी पहाड़ी पुष्कर-अजमेर में स्थित है।
  • इस मंदिर की पहाड़ी पर राजस्थान का तीसरा रोपवे स्थापित किया गया हैं।
  • कचरिया मंदिर-किशनगढ़ अजमेर निंबार्क संप्रदाय का मंदिर है।
  • रंगनाथ जी का मंदिर पुष्कर-अजमेर।

राजस्थान में प्रमुख एकमात्र मंदिर

इंदिरा गांधी मंदिर अचरोल-जयपुर
रावण मंदिर  मंडोर-जोधपुर
विभीषण मंदिर  कैथून-कोटा
लक्ष्मण मंदिर भरतपुर
रघुनाथ जी चुंडावत मंदिर सीकर
दाढ़ी मूछ वाले राम लक्ष्मण मंदिर-झुंझुनू

प्रमुख राजस्थान में सूर्य मंदिर

  • ओसियां जोधपुर में स्थित सूर्य मंदिर का निर्माण वत्सराज प्रतिहार ने करवाया था।
  • ओसिया को राजस्थान कोणार्क या भुवनेश्वर कहते हैं।
  • गलता जी जयपुर यह पर गालव ऋषि की तपोभूमि के कारण गलताजी कहते हैं इसे मंकी वैली भी कहा जाता है।
  • दीगोद-कोटा बुढा़तीत कोटा या सूर्य मंदिर स्थित है।
  • झालरापाटन-झालावाड़ में स्थित सूर्य मंदिर को सात सहेलियों का मंदिर भी कहते हैं।

झालावाड़ का सूर्य मंदिर झालरापाटन-झालावाड़

  • यह मंदिर सात सहेलियों का मंदिर कहलाता है।
  • इस मंदिर को पदमनाभ या चारभुजा मंदिर भी कहते हैं।
  • यह मंदिर खजुराहो या महामारी शैली से निर्मित है।
  • इस मंदिर की रथिका में विष्णु जी एवं सूर्य की मूर्ति एक साथ लगी हुई है‌‌।

राजस्थान में प्रमुख जैन मंदिर

रणकपुर जैन मंदिर-पाली

  • इसका निर्माण 1439 ईं. धारनकशाह द्वारा करवाया गया।
  • इसका वास्तुकार सोमपुर ब्राह्मण दैपाक था।
  • मथई नदी के तट पर स्थित है।
  • यहाँ मंदिर सेवाड़ी पत्थर एवं सोनाण पत्थरों से निर्मित है।
  • इस मंदिर में कुल 1444 खम्भे है।
  • इस मंदिर को स्तंभों का वन, चौमुखा मंदिर, नलिनी विमान मंदिर आदि कहते हैं।
  • इस मंदिर के बारे में फर्ग्यूसन ने कहा “मैंने जीवन में ऐसा सुंदर भवन नहीं देखा जिसमें स्तभो को वर्गीकरण इतना आकर्षक हो।”

दैलवाड़ा जैन मंदिर-सिरोही के प्रमुख पांच मंदिर

विमल वसहि मंदिर

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Rajasthan ke Pramukh Mandir

लुणवसही मंदिर

  • इस मंदिर को नेमीनाथ मंदिर भी कहते हैं
  • इसका निर्माण 1280 में चालुक्य शासक के मंत्री तेजपाल व वास्तु पाल ने करवाया।
  • इस मंदिर का वास्तुकार शोमन देव था।
  • 1287 में इस मंदिर की मूर्ति विजय सेन सुरी के हाथों रखी गई थी।
  • इस मंदिर में नेमिनाथ जी की मूर्ति काले संगमरमर से निर्मित है
  • इस मंदिर को देवरानी जेठानी का मंदिर का जाता है।

भीमाशाह मंदिर

  • इसका निर्माण 15वीं सदी में भीम सा द्वारा करवाया गया था।
  • इस मंदिर को पीतल हर मंदिर कहा जाता है।
  • ऋषभदेव या आदिनाथ की 108 मन की पीतल की प्रतिमा स्थित है।

पार्श्वनाथ मंदिर

  • यह पार्श्वनाथ प्रतिमा स्थित है
  • यहाँ मंदिर संगमरमर से निर्मित है।

महावीर मंदिर

  • जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर महावीर जी की प्रतिमा स्थित है।

महावीर मंदिर करौली

  • यहाँ मंदिर गंभीरी नदी के तट पर स्थित है।
  • महावीर जयंती के दिन भव्य मेला आयोजित होता है जिसका मुख्य आकर्षक जितेंद्र रथ यात्रा होती है।
  • यह महावीर जी का मेला 4 दिन तक आयोजित होता है जिसमें आने वाला चढ़ावा चमार जाति या चर्मकार जाति में वितरित होता है।

अन्य प्रमुख जैन मन्दिर (Rajasthan ke Pramukh Mandir) निम्नलिखित है

  1. भंडाशाह जैन मंदिर-बीकानेर इसका निर्माण भंडाशाह ने करवाया था। इस मंदिर की नीव में पानी के स्थान पर घी का प्रयोग हुआ है।
  2. 72 जिनालय भीनमाल-जालौर यहाँ उत्तर भारत का सबसे बड़ा जैन मंदिर।
  3. पार्श्वनाथ मंदिर नाकोडा-बाड़मेर इस मंदिर में शांतिनाथ व भैरव नाथ की प्रतिमा स्थित है।
  4. आस पार्श्वनाथ मंदिर लोदृवा-जैसलमेर मुमल महल के पास स्थित मंदिर है।
  5. स्वर्ण जैन मंदिर फालना-पाली यहाँ जैन धर्म का प्रथम स्वर्ण मंदिर है।
  6. ऋषभदेव जी मंदिर धुलेव गांव-उदयपुर अन्य नाम काला बालाजी केसरिया नाथ जी है। चैत्र कृष्ण अष्टमी को मेला भरता है। यह एक जैन मंदिर है।
  7. नीलकंठ जैन मंदिर अलवर में स्थित है।
  8. शांतिनाथ जैन मंदिर झालावाड़ में स्थित है।
  9. चमत्कारी जैन मंदिर सवाई माधोपुर में स्थित है।
  10. श्रंगार चवरी मंदिर चित्तौड़गढ़ में स्थित है।
  11. मुछाला महावीर मंदिर पाली में स्थित है।
  12. सतबीस देवरी मंदिर चित्तौड़गढ़ में स्थित है।

राजस्थान के प्रमुख शिव मंदिर (Rajasthan ke Pramukh Mandir) यहाँ निम्नलिखित है-

किराडू मंदिर बाड़मेर

  • इस मंदिर का निर्माण नागर शैली में हुआ है।
  • यहाँ हल्देश्वर पहाड़ी के निकट हाथमा गांव बाड़मेर में स्थित है।
  • यह कुल 5 मंदिरों का समूह है जिसमे एक विष्णु और चार शिव मंदिर।
  • यह का प्रमुख मंदिर सोमेश्वर मंदिर है इसे राजस्थान का खजुराहो कहते हैं।
  • मूर्तियों का खजाना भी कहा जाता है। इस मंदिर को फिरातुत कहा जाता है।

एकलिंग नाथ जी मंदिर कैलाशपुरी-उदयपुर

  • इसका निर्माण बप्पा रावल 8 वीं सदी में करवाया था।
  • इस मंदिर का परकोटा राणा मोकल ने बनवाया था।
  • यहां पर पशुपात संप्रदाय की प्रधान पीठ स्थित है।
  • यह मेवाड़ राजाओं के कुलदेवता है।

घुश्मेश्वर महादेव शिवाड़ गांव-सवाई माधोपुर

  • इस स्थान पर भगवान शिव का 12 ज्योतिर्लिंग स्थित है।
  • राजस्थान का एकमात्र शिवलिंग जो 12 माह पानी में डूबा रहता है इस स्थान पर कृत्रिम कैलाश पर्वत निर्मित है।
  • बनास नदी के तट पर स्थित मंदिर हैं।
  • शिवरात्रि फाल्गुन कृष्णा 13 को मेला आयोजित होता है।
  • नोट-शिवरात्रि पशु मेला करौली में लगता है।

अचलेश्वर महादेव मंदिर माउंट आबू सिरोही

  • इस मंदिर में शिवलिंग के स्थान पर एक गहरा गड्ढा जिसे बर्मा गड्ढा का जाता है।
  • यहाँ मंदिर स्थल को भंवराथल भी कहा जाता है।
  • इसी मंदिर में दुरसा आडा की पीपल की प्रतिमा स्थित है।

बेणेश्वर महादेव मंदिर डूंगरपुर

  • सोम, माही, जाखम नदी के संगम पर नवाटापरा गांव-डूंगरपुर में है।
  • इसी स्थान पर खंडित शिवलिंग की पूजा की जाती है।
  • बेणेश्वर धाम की स्थापना संत मावजी द्वारा की गई।
  • इस स्थान पर माघ पूर्णिमा को मेला आयोजित होता है जिसे आदिवासियों का कुंभ जाता है।

राजस्थान में प्रमुख हनुमान जी मंदिर

  • सालासर बालाजी दाढ़ी मूछ वाले बालाजी की प्रतिमा यहाँ स्थित है।
  • मेहंदीपुर बालाजी-दौसा यह हनुमान जी की बाल प्रतिमा स्थित है भूत प्रेत निवारण मंदिर कहलाता है।
  • पांडुपोल हनुमान मंदिर-अलवर शयन करते हुए हनुमान जी की प्रतिमा स्थित है।
  • अंजनी माता हनुमान जी मंदिर पांचना बांध-करौली में स्थित है।

Conclusion :- आज हमने इस आर्टिकल में मंदिर निर्माण की प्रमुख शैलियां, राजस्थान के प्रमुख (Rajasthan ke Pramukh Mandir) ब्रह्मा मंदिर, राजस्थान के प्रमुख एकमात्र मंदिर जो केवल राजस्थान में एक जगह ही है.सूर्य मंदिर और प्रमुख जैन मंदिर के बारे में चर्चा की है आने वाले आर्टिकल में हम राजस्थान के प्रमुख महल के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे.आशा है कि आप सभी के लिए हमारा आर्टिकल परीक्षा की दृष्टि से अति उपयोगी सिद्ध होगा।

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राजस्थान में प्रसिद्ध मंदिर कौन कौन से हैं?

  • ब्रह्माजी का मन्दिर, पुष्कर (अजमेर)
  • खाटूश्यामजी मन्दिर, सीकर
  • हर्षनाथ मंदिर, सीकर
  • जीण माता मंदिर, सीकर
  • कैला देवी मंदिर, करौली
  • श्री सांवलिया सेठ मंदिर, मण्डफिया
  • सालासर बालाजी, चूरू
  • करणी माता, देशनोक

राजस्थान का पहला मंदिर कौन सा है?

झालरापाटन में चंद्रमोलेश्वर मंदिर राज्य का पहला ऐसा मंदिर है जो तिथि युक्त है। इसमें संवत लिखा हुआ है। इतिहासविद ललित शर्मा का कहना है कि प्रतिहार काल में बने इस मंदिर की विशेषताओं के कारण यह देशभर में पहचाना जाता है।

राजस्थान में सबसे बड़ा मंदिर कौन सा?

यह करणी माता का मंदिर है। राजस्थान के ऐतिहासिक नगर बीकानेर से लगभग 30 किलो मीटर दूर देशनोक में स्थित करणी माता का मंदिर, जिसे ‘चूहों वाली माता’ या ‘चूहों वाला मंदिर‘ भी कहा जाता है।

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