Award for Education of Rajasthan: राजस्थान के शिक्षा के क्षेत्र में दिए जाने वाले पुरस्कार, योजनाएं के बारे में जानें यहां

आज इस आर्टिकल में दोस्तों शिक्षा के क्षेत्र में दिए जाने वाले पुरस्कार, राजस्थान में संचालित संपूर्ण शिक्षा (Education in rajasthan ) के क्षेत्र में जो योजनाएं चल रही है आदि के बारे में विस्तार से यहाँ वर्णन किया गया। यहाँ हमारा दूसरा आर्टिकल इस पर है। तो जाने यहाँ से

 Education in rajasthan
 Education in Rajasthan 

पद्माक्षी पुरस्कार – 

  • बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार द्वारा राजकीय विद्यालयों एवं मान्यता प्राप्त गैर सरकारी विद्यालयों की माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की कक्षा 8, 10 व 12 की परीक्षाओं में जिला स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त करने वाली बालिकाओं को सत्र 2017-18 से बसंत पंचमी को पद्माक्षी पुरस्कार प्रदान किया जाता है।

पुरस्कार राशि

  • कक्षा 8 के लिए 40 हजार रुपए
  • कक्षा 10 के लिए 75 हजार रुपए
  • कक्षा 12 के लिए एक लाख रुपए

उत्कृष्ट विद्यालय योजना –

  • राज्य के प्रारंभिक शिक्षा विभाग द्वारा वर्ष 2016-17 से प्रत्येक ग्राम पंचायत में एक प्राथमिक/उच्च प्राथमिक विद्यालय का चयन कर उसे उत्कृष्ट विद्यालय के रूप में विकसित करने हेतु यह योजना प्रारंभ की गई है।

आंगनबाड़ी पाठशाला –

  • 30 मार्च, 2017 से प्रदेश के सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों का नाम ‘आंगनबाड़ी पाठशाला’ रखा गया है।
  • इनमें प्री स्कूल वर्क बुक्स के माध्यम से प्रारंभिक बाल्यावस्था शिक्षा कार्यक्रम लागू किया गया है।

राष्ट्रीय आविष्कार अभियान (RAA) –

  • यह भारत सरकार द्वारा प्रारंभिक शिक्षा स्तर पर सर्वशिक्षा अभियान के अन्तर्गत वर्ष 2016-17 से प्रारंभ किया गया कार्यक्रम है।
  • जिसका उद्देश्य बच्चों को प्रौद्योगिकी अवलोकन द्वारा सीखने के अवसर उपलब्ध कराना व वैज्ञानिक अन्वेषण के अवसर सुलभ कराना है।

शगुन पोर्टल –

  • केन्द्र सरकार द्वारा राज्यों एवं केन्द्र प्रशासित प्रदेशों में सर्वशिक्षा अभियान की विभिन्न योजनाओं/कार्यक्रमों के क्रियान्वयन की प्रगति को मॉनीटर करने हेतु विकसित किया गया ऑनलाइन पोर्टल है।

शाला सिद्धि कार्यक्रम (स्कूल मानक एवं मूल्यांकन ) –

  • मानव संसाधन विकास मंत्रालय एवं न्यूपा (NUEA) के निर्देशानुसार शाला सिद्धि कार्यक्रम के अन्तर्गत स्कूल मानक एवं मूल्यांकन के तहत प्रत्येक विद्यालय की अपने स्तर पर स्वमूल्यांकन करने की कार्य योजना बनाई गई है।
  • वर्ष 2016-17 से कक्षा 5 हेतु जिला स्तरीय प्राथमिक शिक्षा अधिगम स्तर मूल्यांकन परीक्षा का आयोजन किया जा रहा है।

आदर्श द्यालय योजना –

  • इस योजना की घोषणा बजट 2015-16 में की गई।
  • माध्यमिक व उच्च माध्यमिक विद्यालयों में शैक्षिक गुणवत्ता हेतु आधारभूत सुविधाएँ उपलब्ध कराने के लिए प्रत्येक ग्राम पंचायत में चरणबद्ध रूप से एक विद्यालय को आदर्श विद्यालय के रूप में विकसित किया जा रहा है।
  • योजना का जिला स्तर पर क्रियान्वयन जिला कलक्टर की अध्यक्षता में गठित राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा परिषद की जिला निष्पादक समिति द्वारा किया जा रहा है।

★ मुख्यमंत्री हमारी बेटियाँ योजना –

  • ‘मुख्यमंत्री हमारी बेटियाँ’ योजना सत्र 2015-16 से प्रारम्भ की गई है।
  • योजनान्तर्गत राजकीय विद्यालयों में अध्ययरत राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की सैकण्डरी परीक्षा में प्रत्येक जिले में प्रथम व द्वितीय स्थान (न्यूनतम 75 प्रतिशत) प्राप्त करने वाली दो मेधावी छात्राओं को कक्षा-11 व 12 में पाठ्यपुस्तकें, स्टेशनरी, यूनिफार्म इत्यादि के लिए 15000 रुपये वार्षिक तथा स्नातक व स्नातकोत्तर में अध्ययन हेतु 25,000 रुपये वार्षिक एक मुश्त सहायता दी जाएगी।
  • इसके अलावा कक्षा 11 व 12 में अध्ययन हेतु आवश्यक समस्त शुल्क, छात्रावास, कोचिंग हेतु अधिकतम रुपये 100 लाख तक तथा कक्षा 12 के पश्चात् स्नातकोत्तर तक अध्ययन हेतु अधिकतम 2.00 लाख रुपये तक प्रतिवर्ष सहायता दी जायेगी।
  • 1 जून, 2016 से दसवीं कक्षा की हर जिले की बीपीएल परिवार की टॉपर बेटी को एवं वर्ष 2018-19 से टॉपर अनाथ बालिकाओं को भी इस योजना का लाभ मिलता है।

स्टेट इनिशियटिव फॉर क्वालिटी एज्यूकेशन (SIQE) –

  • राज्य के राजकीय उच्च माध्यमिक/माध्यमिक विद्यालयों में कक्षा 1-5 के विद्यार्थियों के शैक्षिक स्तर के उन्नयन हेतु एस.आई. क्यू. ई परियोजना प्रारंभ की गई है।

पढ़ो परदेस योजन –

  • अल्पसंख्यक मंत्रालय की योजना जिसमें छात्रों को पढ़ाई के लिए मिलने वाले 20 लाख रुपए तक के ऋण का व्याज केन्द्र सरकार चुकाएगी।
  • योजना का लाभ स्नात्तकोत्तर, पीएचडी, रिसर्च व इसके समकक्ष पाठ्यक्रमों की पढ़ाई के लिए ही ले सकते हैं।
  • इसके लिए आवश्यक है कि अभिभावक की सालाना आय 6 लाख रुपए से अधिक न हो।
  • छात्र ने विदेश के शिक्षण संस्थान में दाखिला ले लिया हो।

स्कूल मैनेजमेंट इनफॉरमेशन सिस्टम शाला दर्शन (SMIS/SHALA DARSHAN)

  • सूचना तकनीकी एवं डिजिटलाइजेशन के समय में प्रारम्भिक शिक्षा विभाग को सूचनाओं से अद्यतन रखने के लिये SMIS-‘शालादर्शन पोर्टल’ एक नवाचारी एवं अभिनव प्रयास है।
  • यह पोर्टल अगस्त, 2015 में प्रारम्भ किया गया है।

गार्गी पुरस्कार –

  • वर्ष 1998 से प्रारम्भ इस योजना में माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, अजमेर द्वारा आयोजित सैकेण्डरी एवं प्रवेशिका परीक्षा में 75 प्रतिशत या अधिक अंक प्राप्त करने वाली बालिकाओं को कक्षा 11 व 12 में नियमित अध्ययनरत रहने पर प्रतिवर्ष 3000 रुपए एवं प्रमाण पत्र देकर पुरस्कृत किया जाता है।
  • पुरस्कार हेतु प्रत्येक जिला मुख्यालय पर प्रतिवर्ष बसंत पंचमी को समारोह आयोजित किया जाता है।
  • सत्र 2015-16 में यह समारोह पहली बार पंचायत समिति स्तर पर आयोजित किया गया।
  • पुरस्कार हेतु राशि निदेशक, माध्यमिक शिक्षा बीकानेर द्वारा उपलब्ध कराई जाती है।

क्लिक योजना –

  • राजकीय माध्यमिक, उच्च माध्यमिक एवं स्वामी विवेकानंद मॉडल स्कूलों में कक्षा 6 से 10 तक के विद्यार्थियों को कम्प्यूटर में दक्ष करने के लिए कम्प्यूटर लिटरेसी इनिशिएटिव फॉर कॉम्प्रीहेंसिव नॉलेज (CLICK) योजना 2017-18 शिक्षण सत्र से शुरू हुई।

मिड डे मील योजनान्तर्गत ‘उत्सव भोज’ के नाम से जनसहयोग वालीयोजना 2-9-2015 से लागू की गई।
नागौर जिले में जिला कलक्टर राजन विशाल द्वारा 22 जुलाई, 2016 को बालिकाओं को उच्च शिक्षा प्रदान करने की लाड़ो रानी योजना योजना प्रारंभ हुई।

  • राज्य सरकार द्वारा देश की पहली पीपीपी आधारित स्किल डवलपमेंट यूनिवर्सिटी की स्थापना के लिए भारतीय कौशल विकास कैम्पस (BSDC) के साथ 23 अप्रैल, 2016 को एमओयू किया गया।
  • इस हेतु राज्य विधानसभा ने 7 मार्च, 2017 को विधेयक पारित कर दिया है।
  • 2017 में इस विश्वविद्यालय की स्थापना की गई है।
  • इसके अलावा राजकीय क्षेत्र में जामडोली, जयपुर में भी एक कौशल विश्वविद्यालय की स्थापना की गई है।
  • इस प्रकार राज्य में दो कौशल विश्वविद्यालय स्थापित किए गए हैं तथा दोनों जयपुर में स्थापित है।
  1. राजस्थान का पहला पेट्रो इंजीनियरिंग कॉलेज बाड़मेर में खुलेगा।
  2. 2017 में तकनीकी विश्वविद्यालय, बीकानेर को पुनः खोला गया है
  3. देश का पहला आयुष विवि जोधपुर में स्थापित होगा।

आईटीआई अंता (बारों) में देश के चौथे डिजिटल क्लास रूम का शुभारंभ सिस्को इंडिया लि. व RSLDC ने मिलकर किया है।
वर्ष 2016 में राजस्थान में पहली बार उच्च शिक्षा प्राप्त करने हेतु महाविद्यालयों में किन्नरों को प्रवेश की अनुमति प्रदान की गई है।

आँगनवाड़ी के बच्चों के शारीरिक, मानसिक व शैक्षणिक विकास के उद्देश्य से प्रत्येक आँगनवाड़ी केन्द्र पर खिलौना बैंक व शिक्षण सामग्री बैंक की स्थापना की जा रही है।

निजी क्षेत्र के महिला विश्वविद्यालय –

  • ज्योति विद्यापीठ महिला विश्वविद्यालय, जयपुर 2008
  • मोदी यूनिवर्सिटी ऑफ साइन्स एंड टेक्नॉलॉजी, लक्ष्मणगढ़, सीकर।

मौलाना आजाद यूनिवर्सिटी, जोधपुर 2013 –

  • यह राजस्थान का पहला निजी अल्पसंख्यक (मुस्लिम) विश्वविद्यालय है।
  • इसकी स्थापना ग्राम बुझाबुझ, तहसील लूणी, जिला जोधपुर में की गई।

राजस्थान में भारत का पहला होम्योपैथी वि.वि. में निजी क्षेत्र में 2010 में डिग्गी रोड़, सहायपुरा, जयपुर में स्थापित किया गया है।

अल्प संख्यक प्रशिक्षण महाविद्यालय

  • राज्य का एक मात्र अल्पसंख्यक प्रशिक्षण महाविद्यालय ‘डॉ. जाकिर हुसैन मुस्लिम माइनोरिटी बी.एड. कॉलेज’ झालावाड़ में स्थापित है।

जैव प्रौद्योगिकी संस्थान ( Institute of Bio-Technology ) 

  • इस संस्थान की स्थापना जयपुर में प्रसिद्ध उद्योगपति आर.पी. गोयनका ग्रुप द्वारा की गई है।

मीना राजू मंच एवं गार्गी मंच

  • 18389 उच्च प्राथमिक विद्यालयों में कक्षा 6 से 8 तक अध्ययनरत बालिकाओं में एवं माध्यमिक स्कूलों की कक्षा 9 से 12 की बालिकाओं को सामाजिक मुद्दों के बारे में जागरूकता पैदा करने की दृष्टि से क्रमश: मीना राजू मंच एवं गार्गी मंच का गठन किया गया है।

कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय छात्रावास व विद्यालय (KGB ) –

  • राज्य के शैक्षिक दृष्टि से पिछड़े एवं अल्पसंख्यक बाहुल्य क्षेत्रों के वंचित वर्गों में शैक्षिक असंतुलन को कम करने व बालिकाओं को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने हेतु संचालित 200 केजीबी एवं 186 शारदे बालिका छात्रावासों को 2018-19 में समग्र शिक्षा अभियान में एकीकृत कर कुल 318 के जीबी विद्यालय संचालित हैं।

स्वामी विवेकानन्द मॉडल स्कूल योजना –

  • योजनान्तर्गत 186 शैक्षिक दृष्टि से पिछड़े ब्लॉक्स में केन्द्रीय विद्यालयों के पैटर्न पर आधुनिक सुविधाओं युक्त अंग्रेजी माध्यम के मॉडल विद्यालयों की स्थापना की जा रही है।
  • योजनान्तर्गत पूर्व में 75 प्रतिशत केन्द्रांश व 25 प्रतिशत राज्यांश देय था, परन्तु वर्ष 2015-16 से 100% वित्त व्यवस्था राज्य सरकार द्वारा की जाती हैं।

मुख्यमंत्री जनसहभागिता विद्यालय विकास योजना –

  • मुख्यमंत्री द्वारा इस योजना की घोषणा बजट 2016-17 में की गई।
  • माध्यमिक शिक्षा के विद्यालयों में जन आधारभूत संरचनाओं के निर्माण व विकास हेतु जनसहयोग को बढ़ावा देने के लिए वर्ष 2016-17 से मुख्यमंत्री जनसहभागिता विद्यालय विकास योजना प्रारम्भ की गई है।

साइकिल वितरण योजना –

  • बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने की दृष्टि से यह योजना 2007-08 से संचालित है।
  • इसके तहत 8वीं कक्षा उत्तीर्ण करने के पश्चात् राजकीय विद्यालय में 9वीं कक्षा में प्रवेश लेने पर राज्य की प्रत्येक बालिका को निःशुल्क साइकिल वितरित की जाती है।

ट्रांसपोर्ट वाउचर स्कीम –

  • इस योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्र की कक्षा 9 से 12 तक राजकीय माध्यमिक/उच्च माध्यमिक विद्यालय में अध्ययनरत प्रत्येक छात्रा के निवास स्थान से विद्यालय की दूरी 5 किमी. से अधिक होने पर परिवहन की सुविधा प्रदान करने हेतु 5 रुपए प्रति विद्यालय उपस्थिति दिवस प्रति छात्रा ट्रांसपोर्ट वाउचर 2007-08 से दिया जाता था।
  • योजनान्तर्गत वर्ष 2013-14 से 5 रुपए को बढ़ाकर 20 रुपए प्रति दिवस प्रति छात्रा किया गया।
  • वर्ष 2015-16 में निम्नानुसार नवीन ट्रांसपोर्ट वाउचर योजना लागू की गई हैं

1. स्वामी विवेकानन्द राजकीय मॉडल स्कूलों में अध्ययनरत बालिकाओं हेतु

कक्षा                   निवास स्थान से दूरी              अधिकतम दर
कक्षा 6-8 2 किमी. से अधिक 20 रुपए
कक्षा 9-12 5 किमी. से अधिक 25 रुपए

2. ग्रामीण क्षेत्र के अन्य राजकीय माध्यमिक/उच्च माध्यमिक विद्यालयों में अध्ययनरत बालिकाओं हेतु

कक्षा 9-12 5 किमी. से अधिक 20 रुपए प्रति दिवस |

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